Saturday, October 19, 2013

Random

ज़िक्र छेड़ा किसी ने महफ़िल में,
तो याद आया, के कभी इस शहर  में
एक शायर भी रहा करता था

Random

आपकी छत पे जब खाने के बाद कॉफ़ी लेके बैठेंगे, 
आपका हाथ थाम कर, 
आपकी आँखों में एक नज़्म चुपके से कह देंगे।