Saturday, February 22, 2014

मेरा वो सबसे खूबसूरत लम्हा ...

तुम्हें पता नहीं होगा शायद
मेरा वो सबसे खूबसूरत लम्हा

जब कीबोर्ड की  गिट-गिट
और कॉफ़ी की  सिप -सिप
के बीच भी
 मैं चुन कर तेरे सीने की धड़कन
की धक्-धक् सी आवाज़
अपने दिल में उतार लेता हूँ
और भर लेता हूँ तेरी ठंडी गहरी सांसें
अपने जेहन में
फिर धीरे से उठती उस हंसी के सॉना में
पिघल जाता हूँ

बस उस पल गर तू गले से न लगा ले
तो दिल  मचलता जाने कहाँ हो
Resonance, ये शब्द सुना था
तेरे साथ  मतलब भी जान लेता हूँ

 सच ही है तेरे साथ कभी बोर नहीं होता
उन खामोशियों में भी तुझसे बात करने का रास्ता
 ढून्ढ ही लेता हूँ

 इसलिए  सोचा क़े पिन कर लूं
मेरा वो सबसे खूबसूरत लम्हा 

Friday, February 21, 2014

बस प्यार हो जाएगा खुद से …

आईने में तो अक्स देखती ही होगी
कभी मेरी नज़र में झाँक कर भी
खुद को देखो …
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे
बस प्यार हो जाएगा खुद से …

लैपटॉप पे कोई गीत सुनते सुनते थाप तो देती ही होगी
कभी  मेरे हाथ पे अपने हाथ की
आवाज़ को सुनके देखो ...
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे
बस प्यार हो जाएगा खुद से …

जैसे मैं तेरे सिगरेट के धुएं की धुंध में खोके
तेरे अंदर उतर जाना चाहता हूँ 
कभी मेरी धड़कन पे चलके देखो 
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे
बस प्यार हो जाएगा खुद से … 

अक्सर सिमट जाती होगी  
दिल्ली की सर्दी में ठिठुर कर
कभी 'अर्श' के दामन का सार देखो 
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे 
बस प्यार हो जायेगा "मुझ" से :)