Friday, February 21, 2014

बस प्यार हो जाएगा खुद से …

आईने में तो अक्स देखती ही होगी
कभी मेरी नज़र में झाँक कर भी
खुद को देखो …
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे
बस प्यार हो जाएगा खुद से …

लैपटॉप पे कोई गीत सुनते सुनते थाप तो देती ही होगी
कभी  मेरे हाथ पे अपने हाथ की
आवाज़ को सुनके देखो ...
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे
बस प्यार हो जाएगा खुद से …

जैसे मैं तेरे सिगरेट के धुएं की धुंध में खोके
तेरे अंदर उतर जाना चाहता हूँ 
कभी मेरी धड़कन पे चलके देखो 
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे
बस प्यार हो जाएगा खुद से … 

अक्सर सिमट जाती होगी  
दिल्ली की सर्दी में ठिठुर कर
कभी 'अर्श' के दामन का सार देखो 
जैसे मुझे हर बार प्यार हो जाता है तुझसे 
बस प्यार हो जायेगा "मुझ" से :)

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